मंगल कामना हेतु मंत्र
मंगल भवन अमंगल हारी | द्रवउँ सो दशरथ अजिर बिहारी ||1||
मंगल भवन अमंगल हारी | उमा सहित जय जपत पुरारी ||2||
In English:-
Mangal bhavan Amangal haari | Dravaun So Dasharath Ajir Bihari ||1||
Mangal bhavan Amangal haari | Uma Sahit Jai Japat Purari ||2||
इन रामचरितमानस की दोनों चौपाईयों का स्मरण किसी भी कार्य को प्रारंभ करने से पहले अवश्य ही करना चाहिए और रामायण के पाठ के दौरान मंगल कामना हेतु इन चौपाईयों का सम्पुट लगाना कल्याणकारी होता है | और रामायण प्रेमी और भक्तों को इन मन्त्रों का जाप सदैव करते रहना चाहिए, जिससे भगवान श्री राम की कृपा से उनका सदैव मंगल होगा |
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