Wednesday, 20 November 2013

beejakshara mantra Successful Gayatri Mantras for Happiness, Prosperity & Curing Diseases

अनिष्ट (कष्ट- विपत्ति- आपदा) निवारण हेतु गायत्री मंत्र का प्रयोग 

ग्रह शांति हेतु(Mantra for peace of the Planet):- ग्रह शांति के लिए दूध की लकड़ी से एक हजार (1000) गायत्री मंत्रो का जाप करके हवन करने से सभी तरह के ग्रहों कि शांति होती है | तथा दूध की लकड़ी के बजाय शमी कि लकड़ी हो तो उसे अति उत्तम माना गया है, इस प्रकार हवन तथा पाठ करने से आपके सभी प्रकार के भौतिक रोग और व्याधि नष्ट हो जाते है और साथ ही साथ सभी ग्रह भी भगवती गायत्री की कृपा से शांत हो जाते है |
Bhagawati Gayatri 



परम शांति के लिए(Mantra for ultimate peace):- परम शांति के लिए पीपल, पाकड़, गूलर और वट की समिधाओं (लकड़ी) से गायत्री मंत्र का हवन करने के पश्चात हाथ में जल लेकर भगवान सूर्य को तर्पण करना चाहिए, इस प्रकार से आपको परम शांति कि प्राप्ति होती है |

विष का प्रभाव नष्ट करने के लिए(Mantra for destroy the toxin):- गायत्री मन्त्र अक जाप करते हुए कुश का स्पर्श करने से माता गायत्री की कृपा फलस्वरूप विष का प्रभाव कम हो जाता है |

मिर्गी रोग से मुक्ति के लिए(Mantra to cure epilepsy ):- मिर्गी रोग से मुक्ति पाने के लिए अपामार्ग के बीजों से गायत्री माता का एक हजार मन्त्रों से हवन करे |

चेचक रोग से शांति हेतु(Mantra to cure smallpox):- दूध, दही तथा घृत से प्रिटिं गयात्रो मंत्र का एक सौ आठ बार हवन करने से चेचक रोग शांत हो जाता है और पीड़ा नहीं रहती है |

कुष्ठ रोग निवारण हेतु(Mantra for leprosy prevention):- कुष्ठ रोग के लिए सोमलता कि गाँठ को अलग-अलग करके दूध में डाले, और अमावस्या के दिन गायत्री मन्त्र से हवन करने से कुष्ठ रोग में आशातीत लाभ होता है |

सभी व्याधियो के नाश हेतु(Mantra to cure all diseases):- गुरूच को खंड-खंड करके दूध में भिगोने के पश्चात अग्नि में आहुति देवे, तथा भक्तिपूर्वक गायत्री मंत्र का ध्यान करे | इस प्रकार हवन करने से समस्त व्याधियो का नाश होता है |

भगवती माता गायत्री कि कृपा से सभी प्रकार कि आपदा और व्याधियों से छुटकारा मिलता है इसमें कोई संदेह नहीं है, बस आवश्यकता है तो श्रृद्धा, प्रेम और समर्पण की, यदि कोई भक्त पूर्ण श्रृद्धा और प्रेम से माता गायत्री के मन्त्रों का जाप करता है तो वह निश्चय ही परम सुखी और माता की कृपा का पात्र होता है |

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