Saturday, 23 November 2013

beejakshara mantra Mantra for Destroying Enemies

Mantra to destroy the enemy


Ram and Laxman Fight With Ravan
This is the mantra of Ramcharitmanas and by using this you can destroying the enemies and it is also used for escape evils sight. 

This is considered as most powerful mantras to destroying enemies. You should be recited 108 times in a day to get effects of this mantra.

While chanting you should keep attention on mind and don't divert your focus.

यह मंत्र रामचरितमानस से उदृत है और महाकवि तुलसीदास जी ने रामचरित-मानस में मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का जो वास्तविक चित्रांगन किया है, उसका उल्लेख कर पाना संभव नहीं है | अर्थात वाल्मीकि चरित रामायण का हिंदी में अनुवाद इतनी स्पष्टता से कर पाना और रामायण के गूढ़ रहस्यों और मंत्रो को शालीनता से स्पष्ट करना, वास्तविकता में एक अद्भुत कार्य था |

रामचरितमानस में श्री राम के यश, शौर्य और प्रताप को बताते हुए तुलसीदास जी कहते है कि "जो श्री राम के चरणों में रहते है अर्थात जिनको श्री राम का आश्रय प्राप्त है और जो भक्त उनकी शरण में रहते है उनसे बैर अर्थात शत्रुता करना करना खुद की विषमता को खोना है" |


कहने का तात्पर्य यह है कि जो भी कोई भी प्रभु श्री राम और उनके भक्तों से शत्रुता करता है वह अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारता है, क्योकि कि प्रभु के प्रताप से वह विषमता खो देता है | शत्रुता नाश करने और संकट के निवारण के लिए नीचे लिखे इस मंत्र का प्रयोग करे:-  

Mantra:-

बयरु न कर कहू सन कोई |
राम प्रताप विषमता खोई ||

Bayru Na Kar Kahu San Koi |
Ram Partap Vishamata Khoi ||


मंत्र जाप विधि:- रामचरितमानस के इस मंत्र का जाप करने के लिए श्री रामदरबार के सामने पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करने के पश्चात श्री राम का ध्यान करते हुए मंत्र जाप आरम्भ करे | प्रत्येक दिन संध्याकाल में मंत्र का जाप करना श्रेष्ठ रहता है, और कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए | ऐसा करने से प्रभु श्री रामचंद्र की कृपा से आपके सभी शत्रुओं का नाश होगा तथा शत्रुओं से छुटकारा मिलता है |

यह मंत्र गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित महाग्रंथ रामचरितमानस से लिया गया है | और यह मंत्र अनिष्ट करने या चाहने वाले शत्रुओं का नाश करने के लिए दिया गया है | पर साधारणतया मंत्र का प्रभाव तब तक शुरू नहीं होता जब तक की मंत्र को सिद्ध नहीं कर लिया जावे, इसलिए मंत्र को सिद्ध कर लेना ही श्रेष्ठ रहता है | और जब मंत्र सिद्ध हो जावे तब इस मंत्र का प्रतिदिन कम से कम 21 बार जाप करना चाहिए, जिससे की मंत्र शक्ति बढती है और मंत्र त्वरित फलदायी हो जाता है |

और  यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि जब तक कार्य सफल नहीं होता तब तक मंत्र का जाप करते रहना ही श्रेष्ठ रहता है |

Mantra To Accomplish all Wishes and Destroy Enemy

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