श्रावणमास में शिवशंकर (महादेव) की साधना (पूजा-अर्चना)
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Shiva Linga Pooja |
भगवान शिव की आराधना करने के लिए भक्तों को बिल्व पत्रों से भी पूजा करनी चाहिए | और पञ्च पत्ती वाले विल्वपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, और ऐसा भी कहा जाता है की आजकल तीन पत्तियों वाले बिल्वपत्र को ही प्रभु के अर्पित किया जाता है | भगवान शिव को जल या बिल्वपत्र चढाने के लिए साधकों को चाहिए की वह निम्न मन्त्रों के मंत्रोच्चारण के साथ ही जल, बिल्वपत्र व पुष्पादि अर्पित करे |
भगवान शिव के जल चढाने का मंत्र
जल धारेशिवम् अरचेत कैलाश वसतेधुवंम् |
मुच्यतेसर्व बांधाम्योनात्र कार्य विचारणा ||
भगवान शंकर के बिल्व पत्र चढाने के मंत्र
काशीवासी निवासी च काल भैरव पूजनं |
प्रयागेमाघ मासेच बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ||1||
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनं पापनाशनम् |
अघोर पाप संहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ||2||
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं व त्रिधा युद्धं |
त्रिजन्म पाप संहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ||3||
अखण्डे बिल्व पत्रेश्च पुजयेशिव शंकरम् |
कोटि कन्या महादानं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ||4||
इन मन्त्रों से शिवाभिषेक करने के बाद साधक को चाहिए की वह भगवान शिव का जाप किसी स्त्रोत्र या निम्न “ओम् नमः शिवाय” की धुन से करे, क्योकि भगवान भोलेनाथ को ही ओंकार कहा गया है |
शिव नाम जाप मन्त्र
ओम् नमः शिवाय, ओम् नमः शिवाय |
हर हर भोले नमः शिवाय ||
जटाधराय शिव जटाधराय |
हर हर भोले नमः शिवाय ||
चंद्राधराय शिव चंद्राधराय |
हर हर भोले नमः शिवाय ||
नागेन्द्राय शिव नागेन्द्राय |
हर हर भोले नमः शिवाय ||
सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय |
हर हर भोले नमः शिवाय ||
गंगाधराय शिव गंगाधराय |
हर हर भोले नमः शिवाय ||
नन्दीश्वराय शिव नन्दीश्वराय |
हर हर भोले नमः शिवाय ||
इस तरह से श्रावण मास के प्रत्येक दिन शिव की पूजा व जाप करना चाहिए, और प्रतिदिन जाप व पूजा का विधान न हो पाए तो कम से कम श्रावण के प्रत्येक सोमवार को तो शिव पूजन व इन मंत्रो का जाप तो अवश्यमेव ही करना चाहिए | श्रावण में शिव पूजा से शिव अत्यधिक प्रसन्न होते है, ऐसा शास्त्रों में विदित है |
(ओम नमः शिवाय)
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