|| श्री हयग्रीवा गायत्री मंत्र ||
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भगवान हयग्रीव |
ऊँ वाणीश्वराय विद्महे हयग्रीवा धीमहि |
तन्नो: ह्याग्रीवः प्रचोदयात ||
In English:-
Ohm Vanishvaraay Vidmahe Hayagrivay Dhimahi |
Tanno: Hayagriva: Prachodayat ||
हयग्रीव विष्णु के अवतार थे। जैसा कि नाम से स्पष्ट है उनका सिर घोड़े का था और शरीर मनुष्य का। वे बुद्धि के देवता माने जाते हैं। भगवान हयग्रीव के इस गायत्री मंत्र के जाप से सारे भय नष्ट हो जाते है तथा हयग्रीव भगवान की कृपा होती है |
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