Friday 15 November 2013

beejakshara mantra How to Get Success In Life

Success of Human Life

मानव जीवन की सफलता के संदर्भ में महाकवि तुलसीदास जी ने  श्री रामचरितमानस में लिखा है कि:-

चौपाई(1):-
बड़े   भाग्य  मानस  तनु  पावा !
 सुर  दुर्लभ  सद  ग्रन्थन गावा !!

चौपाई(2):-
साधन  धाम  मोक्षकर  द्वारा !
 पायन जो  परलोक संवारा !!
चौपाई(3):-

नर तनु पाय विषय मन देही !
 पलटी सुधा ते नर विष लेही !!

चौपाई(4):- 
                        
जो न तरहि भाव सागर, नर समाज अस पाय !
      सो कृत निंदक मंद मति, आतम हनि गति जाय !!


भावार्थ:- अर्थात जीव को बड़े भाग्य से, कितने ही जन्मों के पुन्यकर्मो के फलस्वरूप मनुष्य जीवन मिलता है! अत: इसको व्यर्थ ही गवाना नही चाहिए,  इस जीवन को प्रभु के चरणों में अर्पित करना चाहिए ! और जो भगवत्कृपा से ऐसे मनुष्य शरीर को पाकर संसार  सागर से  पार होने का प्रयास नहीं करता है, वह घोर निंदक मंदमति आत्म हत्यारों कि गति प्राप्त करता है ! जिसके लिए उपनिषदों में कहा गया है:-

 असूर्या: नामते लोका: अन्धेन तमसा  बृता: !
             तान्स्ते  प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्म हनो जना: !!

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